The Angle
जयपुर।
धौलपुर के बाड़ी के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान हाईकोर्ट ने गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत रद्द कर दी है। अदालत ने मलिंगा को 30 दिनों में सरेंडर करने को कहा है। मामला धौलपुर में बिजली विभाग के सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ मारपीट से जुड़ा है। हाईकोर्ट से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत रद्द होने की जानकारी पीड़ित बिजली विभाग के अधिकारी हर्षाधिपति के वकील एके जैन और मालती ने दी है।
गिर्राज सिंह मलिंगा पर आरोप- झूठ बोलकर ली थी जमानत
वकील एके जैन ने बताया कि 2 साल बाद आज कोर्ट ने गिर्राज सिंह मलिंगा को 30 दिन के अंदर सरेंडर करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने माना है कि पूर्व विधायक ने झूठ बोलकर जमानत ली। उन्होंने बेल मिलने के बाद जमानत का दुरुपयोग किया। बेल के बाद उसने जूलुस निकाल कर कोर्ट के आदेश का मजाक बनाया। वकील एके जैन ने आगे बताया कि पूर्व विधायक की मदद तत्कालीन सरकार के साथ-साथ वर्तमान सरकार ने भी की। लेकिन 2 साल के बाद अनुसूचित जाति के एक सहायक अभियंता को न्याय मिला है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे बाड़ी विधायक
बता दें गिर्राजसिंह मलिंगा पहले कांग्रेस में थे। वो कांग्रेस से ही बाड़ी विधानसभा से विधायक चुने गए थे। लेकिन उनके विधायक रहते ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दलित इंजीनियर से मारपीट वाली घटना हुई थी। दलित इंजीनियर के साथ मारपीट की घटना के बाद मलिंगा की कांग्रेस से दूरी बढ़ती गई। नतीजा हुआ कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मलिंगा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि भाजपा के टिकट पर भी उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।