The Angle
जयपुर।
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में आचार संहिता लागू होने से पहले सीएम गहलोत थोड़े-थोड़े अंतराल पर प्रदेशवासियों को सौगातें देने में लगे हुए हैं। अब एक और सौगात जल्द ही राजस्थान और कोटावासियों को मिलने जा रही है। दरअसल चंबल रिवर फ्रंट का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। कोटा से विधायक और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
12 को चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट, 13 को सिटी पार्क की मिलेगी सौगात
इस दौरान यूडीएच मंत्री ने बताया कि आगामी 12 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा के चंबल रिवर प्रोजेक्ट का लोकार्पण कर जनता को एक और बड़ी सौगात देंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 13 सितंबर को मुख्यमंत्री गहलोत कोटा में ही सिटी पार्क की सौगात भी देंगे। वहीं इसी दिन कोटा में गहलोत कैबिनेट की बैठक भी होगी। ऐसे में प्रदेश के तमाम मंत्री और मंत्रिपरिषद के सदस्य इस दिन कोटा में मौजूद रहेंगे।
चंबल नदी की पहली बार होगी विधिवत पूजा, सीएम गहलोत बटन दबाकर करेंगे लोकार्पण
यूडीएच मंत्री ने कहा कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों की सरकारें रहीं, लेकिन आज तक कभी भी किसी ने चंबल नदी की औपचारिक तौर पर पूजा नहीं करवाई। इसलिए 12 सितंबर को चंबल रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण से पहले 125 पंडित चंबल नदी की विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाव में बैठकर प्रोजेक्ट को जनता को लोकार्पित करेंगे। इसके साथ ही यहां लगाई गई चंबल माता की विशाल मूर्ति के घड़े से निकलकर पानी चंबल नदी में प्रवाहित होगा। मंत्री धारीवाल ने बताया कि यह मूर्ति भी 225 फीट की है, जो कि मार्बल की बनी विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसलिए इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाने के लिए भी एंट्री भेजी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि चंबल रिवर फ्रंट पर कुल 22 घाट बनाए गए हैं।
कोटा कोचिंग में पढ़ने आने वाले बच्चों की वजह से देशभर में चर्चित होगा शहर
वहीं कोटा के विकास को लेकर मंत्री धारीवाल ने कहा कि कोटा देशभर में अर्बन डेवलपमेंट का मॉडल बनकर उभरा है, जिस तरह कोरोना काल में भीलवाड़ा मॉडल के रूप में उभरा। वहीं उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पर गुजरात मॉडल को बेचकर चुनाव जीतने का आरोप लगाया। जबकि कोटा की कोचिंग सिटी के रूप में बढ़ती पॉपुलेरिटी को लेकर उन्होंने कहा कि कोटा में 2 लाख से ज्यादा बच्चे कोचिंग लेते हैं। जब ये बच्चे और इनके माता-पिता देशभर में कोटा में हुए विकास कार्यों के बारे में बताएंगे, तो पर्यटन स्थल के रूप में कोटा का प्रचार-प्रसार देशभर में होगा।