The Angle
जयपुर।
प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रसंघों के चुनावों पर लगी रोक हटाने की मांग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की की गई थी। इस पर राजस्थान हाईकोर्ट में इस पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस ले लेने के आधार पर चीफ जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने याचिका को खारिज किया। शांतनु पारीक ने ये याचिका दाखिल की थी।
हाईकोर्ट ने छात्रसंघ चुनावों से जुड़ी याचिका को किया खारिज
इससे पहले खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि याचिकाकर्ता न तो खुद छात्रसंघ चुनाव का मतदाता है और न ही वह खुद छात्रसंघ चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में उसे इस मामले में जनहित याचिका लगाने का क्या अधिकार है। सीजे मसीह ने इसके साथ ही याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन नहीं पब्लिकेशन इंटरेस्ट पिटीशन है, जिसका मकसद सिर्फ सुर्खियां बटोरना है। इसलिए आप याचिका वापस लें या हम आप पर कोर्ट का समय बर्बाद करने के जुर्म में आप पर हर्जाना लगाकर इस याचिका को खारिज कर देंगे। इसके बाद याचिकाकर्ता ने खुद ही याचिका वापस लेने का आग्रह कोर्ट से किया।
शासन सचिवालय में छात्रनेताओं की सरकार के साथ वार्ता रही विफल
बता दें राज्य सरकार ने 12 अगस्त को प्रदेश के छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया था। इसके बाद से ही विभिन्न छात्रनेता प्रदेशभर में अपने-अपने तरीके से सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकार से छात्रसंघ चुनाव फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में कल यूनिवर्सिटी में अनशन कर रहे छात्रों का अनशन तुड़वाने पहुंचे आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि सरकार अगर छात्रसंघ चुनावों पर लगी रोक नहीं हटाती है, तो वे बड़ी संख्या में युवाओं को लेकर राजधानी का घेराव करेंगे। वहीं कल ही शासन सचिवालय में छात्रनेताओं की तरफ से एक 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी सरकार से वार्ता की थी, हालांकि यह वार्ता विफल रही थी। इसके बाद आज कोर्ट ने छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक हटाने की मांग वाली याचिका को आज खारिज कर दिया है।