The Angle
जयपुर।
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 11 सीट गंवाने पर भारी नुकसान हुआ। भाजपा नेता लोकसभा में बीजेपी की हार के अलग-अलग कारण गिना रहे हैं। इस बीच भाजपा के पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने राजस्थान में बीजेपी के 11 सीटें गंवाने के मामले में बयान दिया कि टिकट ठीक से नहीं बंटे। अब पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने भाटी पर तंज कसते हुए कहा कि देवी सिंह भाटी ताजा-ताजा पार्टी में आए हैं। उनका यकायक ज्ञान बढ़ गया है। वहीं कस्वां अभी इतने बड़े नेता नहीं हैं कि उनका टिकट कटने मात्र से पांच-पांच संसदीय क्षेत्र में पार्टी चुनाव हार जाए।
राजेंद्र राठौड़ बोले- टिकट देना या नहीं देना संसदीय बोर्ड करता है तय
राजेंद्र राठौड़ देश में आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भाजपा कार्यालय में आए थे। लोकसभा चुनाव में बीजेपी की राजस्थान में कम सीटें आने और राहुल कस्वां का टिकट काटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि टिकट देना या नहीं देना संसदीय बोर्ड तय करता है। टिकट जिसे भी मिलता वे उसके लिए काम करते हैं। चाहे राहुल कस्वां हो या कोई और।
सुमेधानंद सरस्वती ने राहुल कस्वां की वजह से 4-5 सीटें हारने की बात कही थी
राठौड़ ने आगे कहा कि बीजेपी ने कस्वां परिवार को 14 बार लोकसभा, विधानसभा, जिला प्रमुख और प्रधान का टिकट दिया है। एक बार टिकट नहीं मिला और राहुल गांधी की गोद में जाकर बैठ गए। चूरू से हार को मैंने खुद की जिम्मेदारी मानते हुए स्वीकार किया है। वहीं पिछले दिनों पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित कई अन्य नेताओं ने राहुल कस्वां की वजह से शेखावटी क्षेत्र में भाजपा के चुनाव हारने की बात कही थी। इस पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राहुल कस्वां इतने बड़े नेता नहीं हैं कि उनके कारण 5-5 सीट प्रभावित हुई होंगी।
राहुल कस्वां का टिकट कटने को बताया था सबसे घातक
बता दें पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता देवीसिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए राजेंद्र राठौड़ और संगठन की वर्किंग को जिम्मेदार ठहराया है। भाटी ने कहा था कि राजेंद्र राठौड़ ने एक-दूसरे की काट करने की राजनीति की। इसी वजह से माहौल बिगड़ा। टिकट भी ठीक प्रकार से नहीं बंटे। सबसे घातक चूरू से राहुल कस्वां का टिकट काटना रहा।