The Angle
जयपुर।
राजस्थान का आदिवासी समाज हिंदू है या नहीं, इस पर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। दरअसल हाल ही में प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक बयान में कहा था कि आदिवासी भी हिंदू ही हैं और अगर हिंदू नहीं हैं तो या तो उनकी वंशावली लिखने वालों से दिखवा लेंगे या फिर उनका डीएनए चेक करवा लेंगे।
मदन दिलावर के बयान पर राजकुमार रोत ने किया तीखा पलटवार
वहीं मदन दिलावर का ये बयान सामने आते ही वागड़ अंचल के बांसवाड़ा-डूंगरपुर से लोकसभा सांसद बने राजकुमार रोत ने दिलावर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा और प्रदेश में मिली हार के चलते शिक्षा मंत्री अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। वहीं किसका डीएनए चेक करवाने की जरूरत है, ये तो राजस्थान की जनता बताएगी। दरअसल ये सियासत तब शुरू हुई जब राजकुमार रोत ने खुद को आदिवासी होने के नाते हिंदू मानने से इनकार कर दिया था। वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि सीएए के बार प्रदेश में भजनलाल सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड को भी जल्द ही लागू कर सकती है। इस बीच इस मामले पर सियासत तेज हो गई है।
किरोड़ी बोले थे- आदिवासियों पर लागू नहीं होते हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान
यह भी तब है जब साल 2021 में एक बयान में भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने साफ तौर पर कहा था कि आदिवासी 2 शादी कर सकते हैं क्योंकि उन पर हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान लागू नहीं होते। ऐसे में जनजातियों पर कानून की बजाय उनकी प्रथाएं लागू होती हैं। ऐसे में समान नागरिक संहिता का जनजाति वर्ग पर कोई असर नहीं होगा। वैसे बता दें कि इसी साल प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं, जिनमें से दौसा, देवली-उनियारा और चौरासी सीट पर बड़ी संख्या में मीणा और आदिवासी जनजाति के मतदाता हैं।
ऐसे में जहां माना जा रहा है कि मंत्री दिलावर के इस बयान का खामियाजा भाजपा को विधानसभा उपचुनाव में उठाना पड़ सकता है, वहीं बड़ा सवाल यह भी है कि क्या किरोड़ी लाल मीणा अपने इस बयान पर ही कायम रहेंगे और राजकुमार रोत की बात का समर्थन करेंगे, या फिर सत्ता में आते ही इस मुद्दे पर किरोड़ी लाल मीणा का स्टैंड भी बदल जाएगा।