The Angle
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश को लगातार सौगातें दे रहे हैं। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को सौगात देते हुए 4 हजार 430 करोड़ रुपए की लागत के 131 कार्यों का शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने 387 करोड़ रुपए की लागत के 22 कार्यों का लोकार्पण भी किया। इस तरह प्रदेश की 3 हजार 910 किमी लंबी सड़कों का शिलान्यास और 383 किमी लंबी सड़कों-पुलों के कार्यों का लोकार्पण सीएम गहलोत की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम से मुख्यमंत्री गहलोत अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। इस कार्यक्रम में पंचायत समिति स्तर तक के जनप्रतिनिधि ऑनलाइन जुड़े। वहीं मंत्री भजनलाल जाटव और मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित विभागीय अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर मौजूद रहे।
सीएम गहलोत बोले- रामगढ़ बांध में पानी भरने की घोषणा से ही जयपुर के लोगों में खुशी का माहौल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि टोल नाकों की बड़ी तकलीफ होती है। फास्ट टैग का सिस्टम भी अब सफल हुआ है। उन्होंने बताया कि कल ही मुझे केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का पत्र मिला है। उन्होंने राज्य सरकार से अपने स्तर पर संसाधन जुटाने को कहा है। मैं फिर से केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखूंगा। राजस्थान के स्टेट हाइवे को नेशनल हाइवे में बदलने चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि रामगढ़ बांध को फिर से भरने का भी राज्य सरकार ने फैसला किया है। जयपुर में इस घोषणा से खुशी का माहौल है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मैंने खराब सड़कों का कलेक्टर से सर्वे कराया था। उस सर्वे के आधार पर सड़कों का निर्माण कराया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर 2030 का विजन कामयाब करना है, तो सड़कों का विकास करना होगा। 100 की आबादी वाला गांव भी सड़क से जुड़ना चाहिए। सड़कें फर्स्ट क्लास हैं, तो विकास की संभावना बढ़ जाती है।
राजस्थान अब सड़कों के मामले में किसी भी अन्य राज्य से पीछे नहीं- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान सड़कों के क्षेत्र में तेज गति से बढ़ रहा है। सिर्फ बजट घोषणा नहीं हुई, बल्कि धरातल पर उतारा गया है। पहले सड़कों में गुजरात का नाम आता था। राजस्थान इस मामले में बदनाम था, लेकिन अब राजस्थान कहीं भी पीछे नहीं है। एक्सीडेंट्ल स्पॉट को ठीक भी किया गया है। मंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि सड़कों के विकास पर तेजी से काम किया है। प्रत्येक विधानसभा में पहले 5 करोड़ का प्रावधान किया था। फिर इस प्रावधान को 10 करोड़ रुपए किया गया।