The Angle
नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के सात चरणों के मतदान के बाद अब कल 4 जून को सभी चरणों की एकसाथ मतगणना होगी। इससे पहले आज चुनाव आयोग ने एक बेहद अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं का खड़े होकर और तालियां बजाकर अभिनंदन किया। मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी जी7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और यूरोपीय संघ के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। इसके साथ ही देशभर में उन 85 साल के अधिक उम्र के और दिव्यांग मतदाताओं के प्रति भी चुनाव आयोग ने आभार जताया, जिन्होंने मतदान में भाग लिया।
लोकसभा चुनाव में हुई न के बराबर हिंसा, री-पोलिंग की संख्या भी घटी
सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक और सतर्कतापूर्वक किए गए काम की वजह से हमने कम पुनर्मतदान सुनिश्चित किए। हमने 2019 में 540 के मुकाबले 2024 के लोकसभा इलेक्शन में 39 पुनर्मतदान देखे। इसमें भी 39 में से 25 पुनर्मतदान तो सिर्फ दो राज्यों में हुए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह उन आम चुनावों में से एक है, जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। यह हमारी दो साल की तैयारी का परिणाम है। निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ मीम में ‘लापता जेंटलमैन’ नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे। उन्होंने कहा कि अब मीम बनाने वाले कह सकते हैं कि ‘लापता जेंटलमैन’ वापस आ गए हैं।
‘लापता जेंटलमैन’ वाले मीम पर बोले- हम हमेशा से यहीं थे, कभी गायब नहीं हुए
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि भारत ने लोकसभा इलेक्शन में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया। सीईसी राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चुनाव आयुक्तों को ‘लापता जेंटलमैन’ कहे जाने वाले मीम्स पर कहा कि हम हमेशा से यहां थे, कभी गायब नहीं हुए। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, 1.5 करोड़ पोलिंग एवं सुरक्षाकर्मी शामिल थे। 2024 के लोकसभा चुनाव कराने में करीब चार लाख वाहन, 135 विशेष ट्रेनें और 1,692 हवाई उड़ानों का इस्तेमाल किया गया। 2024 के आम चुनावों में केवल 39 पुनर्मतदान हुए, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे।
जम्मू-कश्मीर में 4 दशकों में हुआ सबसे ज्यादा मतदान
वहीं जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक और शांतिपूर्ण मतदान पर भी इलेक्शन कमीशन ने खुशी जाहिर की। यहां इस बार कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत मतदान हुआ। 2024 के चुनावों के दौरान नकदी, मुफ्त उपहार, ड्रग्स और शराब सहित 10 हजार करोड़ रुपए की जब्ती की गई। 2019 में यह आंकड़ा 3 हजार 500 करोड़ रुपए था। आम चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की 495 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निपटारा किया गया। इलेक्शन प्रोसेस को सुचारू बनाने के लिए चुनाव आयोग ने शीर्ष नेताओं को नोटिस जारी किए, कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और शीर्ष अधिकारियों का तबादला किया गया। आचार संहिता के दौरान सभी विकास कार्य रुक जाते थे, चुनाव आयोग ने 95-98 प्रतिशत परियोजनाओं में आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति दी।
चुनाव आयोग ने मानी देरी चुनाव करवाने की बात
वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि पहले आशंका जाहिर की गई थी कि कुछ विदेशी ताकतें भारत के चुनावों को प्रभावित कर सकती हैं। इसे लेकर इलेक्शन कमीशन ने पूरी तैयारी की थी। लेकिन इस बार कुछ अंदरूनी ताकतों ने चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया, जिनका हमें अंदाजा भी नहीं था। वहीं चुनाव आयोग ने यह भी स्वीकारा कि लोकसभा चुनाव इतनी भीषण गर्मी में नहीं करवाए जाने चाहिए थे और इलेक्शन प्रक्रिया इतने लंबे समय तक नहीं चलनी चाहिए थी। चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हमें कम से कम 1 महीने पहले ही चुनाव खत्म कर लेने चाहिए थे, ताकि लोगों को गर्मी से परेशान नहीं होना पड़ता।