The Angle
जयपुर।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर केंद्रीय मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जयपुर के एक निजी होटल में मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उनके साथ निर्वाचन आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय और अरुण गोयल भी मौजूद रहे। इससे पहले चुनाव आयोग के अधिकारियों ने जयपुर में रहकर 3 दिन तक प्रदेश में चुनाव तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद इसे लेकर मीडिया को जानकारी दी।
राजीव कुमार बोले- युवाओं में वोटिंग को लेकर रुझान कम, इसे बढ़ाने की जरूरत
केंद्रीय चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजस्थान में युवाओं में अभी भी मतदान को लेकर जागरूकता का अभाव है और वे वोटिंग प्रति उदासीन हैं। ऐसे में चुनाव आयोग की कोशिश स्वीप कार्यक्रम के माध्यम से राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव में युवाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ाने की भी रहेगी। इसके अलावा प्रदेशभर के 26 हजार पोलिंग बूथ पर वेबकास्टिंग भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारे पास राजनीतिक पार्टियों ने पारदर्शी चुनाव, गलत शपथ पत्र देने पर कार्रवाई करने, जाति आधारित आंकलन मीडिया में न करने, 3 साल से एक ही पोस्ट पर लगे हुए अधिकारियों को हटाने, समाचार पत्रों में अपराधियों की पृष्ठभूमि का प्रकाशन सरकारी खर्चे पर करवाने के सुझाव दिए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त तोहफे और धन पर अंकुश लगाने के सुझाव भी मिले हैं।
बुजुर्ग और दिव्यांग फॉर्म 12डी से ले सकेंगे घर से ही वोटिंग की सुविधा
वहीं केंद्रीय चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राजस्थान में पहली बार वोटर्स को घर से ही मतदान करने की भी सुविधा दी जाएगी। इसमें 80 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग मतदाता और 40 परसेंट से ज्यादा डिसेबिलिटी वाले वोटर्स चुनाव आयोग की साइट या मोबाइल एप से फॉर्म संख्या 12 डी भरकर इस सुविधा के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा मतदान केंद्रों पर वोटिंग के लिए आने वाले दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर या पोलिंग वॉलेंटियर जैसी क्या-क्या सुविधाएं चाहिए, इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से सक्षम ऐप बनाया गया है।
वहीं वोटर्स या कोई भी आम नागरिक चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेशभर में कहीं पर भी चुनावी पार्टियों द्वारा पैसा या शराब बांटने की शिकायत सी विजिल एप पर फोटो साझा करके कर सकता है। चुनाव आयोग शिकायत करने के 100 मिनट के अंदर शिकायत पर एक्शन लेगा।
फेक न्यूज फैलाने वालों पर कड़ी नजर, विज्ञापन 48 घंटे पहले करवाने होंगे प्रमाणित
इसके साथ ही मतदाता अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें, इसके लिए नो यॉर कैंडिडेट एप विकसित किया गया है। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र से हर उम्मीदवार की संपत्ति का ब्यौरा होगा जो उसने चुवाव आयोग को दिए अपने शपथ पत्र में दिया है। वहीं आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को समाचार पत्रों में 3 बार इस बारे में सूचना प्रकाशित करवानी होगी, साथ ही उम्मीदवार जिस पार्टी से संबंधित है उसे यह भी बताना होगा कि पार्टी ने उसे टिकट क्यों दिया है। इसके अलावा चुनाव आयोग समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखेगा। विज्ञापन प्रकाशित करने से 48 घंटे पहले उन्हें प्री सर्टिफाइड करवाना अनिवार्य होगा। साइलेंस पीरियड के दौरान भी वोटर्स को किसी तरह के प्रलोभन नहीं दिए जा सकेंगे।