सोशल सिक्योरिटी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की हमेशा प्राथमिकता रही है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। आज राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के बाद इसे पारित करवाया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमने विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पेश किया था और अब हम न्यूनतम आय गारंटी बिल पेश करने जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा यह हमारी जिम्मेदारी
सीएम ने कहा कि आप सोच सकते हैं कि सामाजिक सुरक्षा प्रत्येक प्रदेशवासी और देशवासी का अधिकार है। यह हम कोई किसी पर अहसान नहीं करते, बल्कि लोकतंत्र में ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम किस प्रकार से लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें, यही सोचकर हमने यह पहल की है। मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि पिछले बजट में मैंने अधिकार आधारित मिनिमम गारंटी एक्ट लाने का प्रयास करूंगा। मुझे खुशी है कि वो अधिकार राजस्थान में एक हथियार बनेगा।
गहलोत ने यूपीए सरकार की उपलब्धियां बताई
सीएम ने कहा कि यूपीए सरकार में डॉक्टर मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने चार कानून पास किये थे.जिनमें राइट टू इनफॉर्मेंशन,राइट टू एजुकेशन,मनरेगा,और फूड सिक्योरिटी एक्ट,उसी तर्ज पर यह कानून भी प्रदेशवासियों को अधिकार देंगा.जिसमें तमाम ग्रामीण लोगों को 125 दिन का रोजगार का,और शहरों के अंदर भी इंदिरा गांधी के नाम से इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना प्रारंभ की है .और 125 दिन वहां भी काम के मिलेंगे.
सीएम ने कहा हर वर्ग का रखा जाएगा ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग दिव्यांग है,अपंग है,या बुजुर्ग है,जो काम नहीं कर सकते है उनके लिए भी हम लोगों ने मिनिमम एक हजार रुपये गारंटी देने जा रहे है .और उसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी.यह कानून के अंदर प्रावधान किया गया है .साथ ही सीएम ने कहा कि हम चाहते है कि पूरे देश के लोगों को यह सिक्योरिटी मिले.और यह एक प्रकार की गारंटी है प्रदेशवासियो के लिए .सीएम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में राजस्थान लगातार प्रगति करता जा रहा है .