The Angle
नई दिल्ली।
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में आज से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। हालांकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चर्चा शुरू होने से पहले ही नीट मुद्दे पर सदन में चर्चा करवाने की मांग की। जबकि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसी मुद्दे को उठाया। हालांकि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति डॉ. जगदीप धनखड़ ने सदन में इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया सदन में माइक बंद करने का आरोप
इसे लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब नीट मुद्दे को उठा रहे थे, तो उनका माइक बंद कर दिया गया। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे का भी माइक बंद किया गया। कांग्रेस ने इसे तानाशाही करार दिया है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया मंच पर साझा किए एक पोस्ट में लिखा कि जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी, युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे हैं। लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश रची जा रही है।
दीपेंद्र हुड्डा बोले- पेपर लीक की घटनाओं से बर्बाद हो रहा युवाओं का भविष्य
एक अन्य सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में भी नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद कर दिया गया। पोस्ट के अनुसार पेपर लीक के मामले पर सरकार खुद तो खामोश है ही, लेकिन अब वो पेपर लीक के विरोध में उठने वाली आवाजों को भी दबाना चाहती है।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य लगातार पेपर लीक की घटनाओं से बर्बाद हो रहा है। पेपर लीक के अधिकांश मामले हरियाणा में देखे गए हैं। नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। हम इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे और जब इस मामले को सदन में उठाया गया तो माइक बंद कर दिए गए। अगर नेता विपक्ष का माइक बंद किया जाएगा तो इससे विपक्षी सांसदों में नाराजगी होगी और सदन में यही हुआ। हम चाहते हैं कि इस पर चर्चा होनी चाहिए।
केसी वेणुगोपाल बोले- लाखों छात्र और उनके माता-पिता परेशान, जल्द हो इसका समाधान
इसके साथ ही कांग्रेस सांसद और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि नीट परीक्षा में अनियमितता को लेकर लाखों छात्र और उनके माता-पिता परेशान हैं और वे चाहते हैं कि इसका जल्द समाधान होना चाहिए। सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति देनी चाहिए और इसी के चलते हमने स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार ही नहीं है। वे हमारे नेता विपक्ष को एक मिनट के लिए भी बोलने नहीं दे रहे हैं और उनका माइक बंद किया जा रहा है। सरकार पुराने तरीके से ही तानाशाही कर रही है और इससे पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए परेशानी पैदा होगी।