The Angle
नई दिल्ली।
ओम बिड़ला एक बार फिर लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। वे लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए हैं। लोकसभा स्पीकर के प्रस्ताव पर ध्वनि मत से वोट करवाया गया। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने आधिकारिक तौर पर ओम बिड़ला के लोकसभा स्पीकर चुने जाने की घोषणा की। इसके बाद पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ओम बिड़ला को उनकी कुर्सी तक लेकर गए और उन्हें लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर बधाई दी।
राहुल गांधी बोले- विपक्ष की आवाज को सदन में मिले प्रतिनिधित्व
ओम बिड़ला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको दूसरी बार चुने जाने के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं आपको पूरे विपक्ष और INDIA गठबंधन की तरफ से बधाई देना चाहता हूं। यह सदन भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और आप उस आवाज़ के अंतिम निर्णायक हैं। सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है, लेकिन विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज़ का प्रतिनिधित्व करता है और इस बार विपक्ष ने पिछली बार की तुलना में भारतीय लोगों की आवाज़ का अधिक प्रतिनिधित्व किया है। विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन अक्सर और अच्छी तरह से चले। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विश्वास के आधार पर सहयोग हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि विपक्ष की आवाज़ को इस सदन में प्रतिनिधित्व दिया जाए।
अखिलेश यादव बोले- उम्मीद करते हैं कि सदन आपके इशारे पर चले
वहीं समाजवादी पार्टी संसदीय दल के नेता अखिलेश यादव ने ओम बिड़ला को लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं, इससे बहुत गौरवशली परंपरा जुड़ी है। आप हर सांसद और दल को बराबरी का मौका और सम्मान देंगे। निष्पक्षता इस महान पद की महान जिम्मेदारी है। इसी तरह विभिन्न संसदीय दलों के नेताओं ने ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सदन आपके इशारे पर चले, इसका उलटा न हो।
ओम बिड़ला ने आपातकाल का जिक्र किया तो विपक्ष ने जताया विरोध
वहीं ओम बिड़ला ने जब अपने संबोधन में साल 1975 में भारत में लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया, तो इसे लेकर जहां सत्ता पक्ष के लोगों ने शेम-शेम के नारे लगाए, वहीं विपक्ष ने बिड़ला के संबोधन का कड़ा विरोध जताया। बिड़ला ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल लगाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया। इस पर विपक्ष और खास तौर पर कांग्रेस सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने बिड़ला पर आरोप लगाया कि वे भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं।