Home Politics राजस्थान में निर्वाचन आयोग ने रियायती दरों के पट्टों पर लगाई रोक,60...

राजस्थान में निर्वाचन आयोग ने रियायती दरों के पट्टों पर लगाई रोक,60 हजार से ज्यादा पट्टे अटके

95
0
राज्य निर्वाचन आयोग (फाइल फोटो)

राजस्थान में आवासों और भूखंड की लीज डीड पर दी गई रियायत पर निर्वाचन विभाग ने रोक लगा दी है .निर्वाचन विभाग के फैसले के बाद प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत रियायती और निशुल्क पट्टों पर रोक लगा दी गई है .वही इस निर्णय के बाद अब राजस्थान की 200 से अधिक नगरीय निकायों में 60 हजार से ज्यादा पट्टे रुक गए है .वही आमजन जो पट्टों के इंतजार में काफी समय से निगम के चक्कर काट रहे थे उनके लिए ये फैसला नुकसान वाला है

राजस्थान सरकार ने दी पट्टों पर छूट

गहलोत सरकार ने 2 अक्टूबर 2021 को आमजन को राहत देने किए रियायती दरों पर पट्टे देने के लिए अभियान की शुरुआत की थी.प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत सरकार ने यह शुरुआत की थी.इस अभियान के तहत भूखणडों और मकानों के पट्टों और नाम ट्रांसफर समेत अन्य कामों पर छूट दी गई थी.और अभियान के तहत 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा गया था.

राजस्थान सरकार ने ब्याज-पेनल्टी पर भी छूट दी थी

गहलोत सरकरा ने इस अभियान के तहते कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन पर लगने वाली राशि पर भी छूट देने की घोषणा की थी.साथ ही हाउसिंग बोर्ड के मकानों की बकाया किश्त जमा करवाने पर भी ब्याज-पेनल्टी पर छूट दी थी.वही अभी तक 9 लाख पट्टे ही जारी किये गए थे.साथ ही नगर निकायों,यूआईटी और विकास प्राधिकरण में 60 हजार से ज्यादा आवेदन लंबित है . जिन पर निर्णय करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी थी।

आचार संहिता लगने से रुक गया था काम

आपको बता दे प्रदेश में आचार संहिता लगने के साथ ही नगर निकायों में काम रुक गया था.तब निकायों ने इस संबंध में नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था, कि क्या पुराने आवेदन जो प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत आए हैं, उनका निस्तारण अभियान के तहत दी गई छूट के आधार पर करना है या सामान्य दरों के आधार पर। नगरीय विकास विभाग ने निर्वाचन विभाग को पत्र लिखकर इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था, लेकिन आयोग ने इसे चुनाव आचार संहिता के दायरे में आने की बात कहते हुए रियायती दरों पर पट्‌टे जारी करने पर रोक लगा दी थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here