The Angle
जयपुर।
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव बहाल किए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में छात्र नेता फिर से छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस बीच जैसलमेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक और जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख के तहत छात्रसंघ चुनाव बहाल करने का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में उठाया।
रविंद्र सिंह भाटी ने कुलपति समिति के तथ्य को बताया औचित्यहीन
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि विगत सरकार ने कुलपति समिति की सिफारिश के आधार पर वर्ष 2023-24 के छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी थी। समिति द्वारा की गई सिफारिश के अनुसार छात्रसंघ चुनाव नवीन शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में बाधक है। छात्र संघ चुनावों के संबंध में उक्त तर्क पूर्णतः औचित्यहीन हैं। इसलिए मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि युवा हमारे देश का भविष्य है और युवाओं में राजनीतिक क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए नियमित रूप से छात्रसंघ चुनाव कराया जाना प्रदेश के युवाओं के लिए नितान्त आवश्यक है।
शिव विधायक ने छात्रसंघ राजनीति से की राजनीतिक करियर की शुरुआत
शिव विधायक ने आगे कहा कि छात्रसंघ चुनाव देश की राजनीतिक नीति निर्माण में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। छात्रसंघ चुनाव राजनीति की प्रथम सीढ़ी है जो नवीन राजनीतिक पीढ़ी को तैयार करती हैं। आज राष्ट्रीय राजनीतिक नेतृत्व के साथ- साथ राज्य स्तर के अधिकतम नेतृत्वकर्ता छात्रसंघ राजनीति से ही निकले हैं। माननीय अध्यक्ष महोदय स्वयं इसी छात्रसंघ राजनीति से आते हैं। मेरा संबंध भी छात्र राजनीति से रहा है और साथ ही साथ इस सदन में बड़ी संख्या में ऐसे सदस्य उपस्थित हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति के मंच से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। छात्रसंघ चुनाव में युवा राजनीतिक मूल्यों को सीखता हैं। युवा दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ना सीखता है। जहां पहली बार जन सेवा की भावना अंगड़ाई लेती है।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव अपरिहार्य- शिव विधायक
छात्रसंघ चुनावों के महत्व पर रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि छात्र संघ चुनाव वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य का आधार स्तम्भ हैं, जिस पर आगामी राष्ट्र निर्माण की रूपरेखा तय होगी। एक स्वाभाविक लोकतांत्रिक व्यवस्था में छात्रसंघ चुनाव अपरिहार्य और अनिवार्य हैं। इसलिए राज्य सरकार को निवेदन है कि स्वच्छ, पारदर्शी और नियमित छात्रसंघ चुनाव करवाएं।