
The Angle
जयपुर।
मौजूदा चुनावी साल में सीएम गहलोत प्रदेश के हर तबके को खुश करने में लगे हैं। आम आदमी के लिए जहां बजट के पिटारे से कई राहतों की सौगात दी है, वहीं एमएसएमई को छूट का दायरा बढ़ाया गया है। हाल ही में सरकार ने विधानसभा में राइट टू हेल्थ और एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल जैसे अहम बिलों को भी मंजूरी दिलवा दी है। वहीं रीट के तहत करीब 48 हजार पदों पर भर्ती भी जल्द ही पूरी हो जाएगी।
थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले करने के लिए दूसरे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का भी किया अध्ययन
वहीं अब राजस्थान में लंबे वक्त से तबादलों का इंतजार कर रहे ग्रेड थर्ड शिक्षकों को भी चुनावी साल में राहत मिल सकती है। शिक्षा विभाग द्वारा ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन कर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल को भेज दिया गया है। ऐसे में ट्रांसफर से बैन हटने और डीओपी से स्वीकृति मिलने के बाद ट्रांसफर हो सकेंगे। पिछले साल शिक्षा विभाग द्वारा नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजी गई थी, लेकिन डीओपी ने पॉलिसी में संशोधन के लिए उसे लौटा दिया था। इसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट ने देशभर में दूसरे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन कर संशोधित पॉलिसी को फिर से डीओपी को भेजा है। पिछले साल 30 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सीएम और मंत्रियों के साथ हुई फीडबैक बैठक में थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले करने पर सहमति बन गई थी।
चुनावी साल में थर्ड ग्रेड शिक्षक भी करने लगे तबादले करने की मांग
बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के सुझाव आने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से तबादले करने को कहा था। गहलोत ने शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सर्वसम्मति है, तो ये ट्रांसफर होने चाहिए और पहले की तरह ही हों। वहीं रंधावा ने शिक्षक तबादलों के लिए किसी भी तरह की नई पॉलिसी नहीं लाने का सुझाव भी दिया था। लेकिन बैठक के 3 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक ग्रेड थर्ड टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। ऐसे में टीचर्स के साथ अब विधायक भी चुनावी साल में ट्रांसफर की मांग करने लगे हैं।
12 साल में सिर्फ 2 बार हुए थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले
गौरतलब है कि राजस्थान में थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर पिछले 12 साल में सिर्फ 2 बार हुए हैं। साल 2010 में कांग्रेस सरकार ने जबकि 2018 में बीजेपी सरकार थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर कर चुकी है। वहीं राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। इसमें प्रदेश के 2.25 लाख टीचर्स में से 85 हजार ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था। वहीं ट्रांसफर पॉलिसी में फिर से बदलाव की तैयारी शुरू कर रहे शिक्षा विभाग के खिलाफ अब ग्रेड थर्ड टीचर्स ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।