राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे है .चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने लगातार कमर कसी हुई है .जहां कांग्रेस में लगातार बैठकों का दौर जारी है .वही बात करे भाजपा की तो पार्टी ने परिवर्तन यात्रा से चुनावों की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है .अब तक तीन परिवर्तन यात्राओं का आगाज पार्टी की ओर से किया जा चुका है .वही बात करे उम्मीदवारों के लिस्ट की तो उसका इंतजार अभी तक भी जारी है .माना जा रहा था कि परिवर्तन यात्रा के शुरु होने के साथ ही पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा भी कर देगी.लेकिन फिलहाल ऐसी कोई हलचल पार्टी की तरफ से होती दिखाई नहीं दे रही है .
बीजेपी की पहली लिस्ट इतनी ताऱीख को
भाजपा ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारो की पहली सूची जारी कर दी है .लेकिन राजस्थान में अभी तक भी पार्टी ने सस्पेंस बना रखा है.लेकिन अब जानकारी ये भी सामने आ रही है कि इसी माह 25 सितंबर तक पार्टी अपनी पहली सूची जारी कर सकती है .लेकिन बड़ी बात ये है कि जहां कांग्रेस उस फॉर्मूले पर काम कर रही है कि जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करने से प्रत्याशियों को चुनावों में उतरने के लिए तैयारी का समय मिल जाएगा .वही भाजपा ने लंबा समय लेते हुए 25 सितंबर तक प्रत्याशियों की घोषणा करने की बात कर रही है .लेकिन कांग्रेस और भाजपा में देखा जाए तो आतंरिक मतभेद को कम करने के लिए पार्टियां अपने अपने तरीके से प्रत्याशियों की घोषणा की जुगत में जुटी है .
बीजेपी काटेगी इन उम्मीदवारों की टिकट
भाजपा के विश्वस्त सूत्रों से ये भी खबर सामने आ रही है कि इस बार पार्टी टिकट वितरण में कोई भी गलती नहीं करना चाहती और तमाम मापदड़ों के बाद ही प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा.इस बार यह भी तय किया गया है कि पिछले चुनाव में 10 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले 86 सीटों के उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया जाएगा। हालांकि, कुछ नियम व शर्तें भी तय की गई हैं, जिन पर खरा उतरने वालों को टिकट मिल सकता है। साथ ही इस बार 45 से कम उम्र वाले नए चेहरों को टिकट बंटवारे में तरजीह दी जाएगी।
पहली सूची में मिलेगी इनको जगह
जानकारों का मानना है कि सबसे पहले 70 से 80 उम्मीदवारों की सूची आएगी। इनमें ज्यादातर वे सीटें रहेंगी जहां भाजपा बहुत कमजोर है और वे सीटें जो पार्टी के कैडर और पिछले वोट शेयर के लिहाज से सबसे मजबूत हैं। इन दोनों कैटेगरी में करीब 135 सीटें हैं, लेकिन पहली सूची में 80 के आस-पास नाम शामिल रहेंगे। ज्यादा मंथन कमजोर सीटों पर ही हो रहा है। हालांकि, इलेक्शन कमेटी की एक बैठक 25 सितंबर से पहले भी हो सकती है। अगर होती है तो नाम फाइनल करके रख लेंगे। मगर घोषणा पेंडिंग रहेगी। जिनके नाम तय होंगे, उन्हें बता दिया जाएगा कि वे अपनी चुनाव तैयारी शुरू कर दें। मौजूदा विधायकों में से उन्हें ही फिर से टिकट मिलेगा जो अपनी सीटों पर पूरी तरह से सक्रिय हैं।