The Angle
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज जयपुर में राजीविका के तहत स्वयं सहायता समूह की सखियों से संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इन स्वयं सहायता समूहों में समाज में बदलाव लाने की क्षमता है और ये महिलाओं का सशक्तिकरण करने का भी काम कर रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने कुछ अहम घोषणाएं भी कीं। उन्होंने राजीविका सखियों के मानदेय में 15 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की, इसके साथ ही कहा कि राजीविका सखियों को स्कूटी लेने के लिए ढाई प्रतिशत की दर से ऋण मिलता है, अब सरकार उन्हें इसके लिए ब्याजमुक्त ऋण देगी। इसी तरह सरकार ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजीविका से जोड़ने के लिए आजीविका ऋण योजना के तहत 1 हजार करोड़ रुपए का ब्याजमुक्त ऋण महिला स्वयं सहायता समूहों को देने का काम करेगी।
दूसरे चरण में स्मार्टफोन लेने वाली महिलाओं को गारंटी दिलाने में सहयोग करें सखियां- मुख्यमंत्री
इसी तरह मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि शहरों की तरह 1 हजार इंदिरा रसोइयों का संचालन राजीविका के माध्यम से किया जाएगा और आने वाले समय में उड़ान योजना के तहत सैनेटरी नैपकिन बनाने से लेकर उन्हें महिलाओं-बालिकाओं तक पहुंचाने का काम भी राजीविका सखियां करेंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने सखियों से आह्वान किया कि इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना के दूसरे चरण में जिन महिलाओं को मोबाइल फोन मिलने हैं उन तक इसका प्रचार-प्रसार करने और 20 अगस्त से लगने वाले कैंपों में गारंटी कार्ड दिलवाने में सखियां सरकार का सहयोग करें।
सीएम गहलोत ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर जताई चिंता
वहीं मीडिया से रूबरू होते हुए सीएम गहलोत ने कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर कोचिंग सेंटर्स के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को बुलाकर सरकार उनसे फीडबैक लेगी, ताकि इन मामलों में कमी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि ये वाकई में हम सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है कि कोचिंग में आने के बाद उन बच्चों पर आखिर ऐसा क्या दबाव आता है कि वे आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं, इसे लेकर आज शाम की बैठक में फीडबैक लिया जाएगा।
सीएम आवास पर बुलाई गई कोचिंग सेंटर मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की बैठक
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास पर आज शाम करीब साढ़े 6 बजे विभिन्न कोचिंग सेंटर्स के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों की मीटिंग बुलाई गई है। ये फैसला सरकार ने कोचिंग सिटी के रूप में मशहूर होते जा रहे कोटा जिले में कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है। बता दें पिछले करीब 8 महीनों में ही अकेले कोटा से कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या के करीब 20 मामले सामने आ चुके हैं।