The Angle
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के विद्याधर नगर स्थित गृह रक्षा निदेशालय के नए भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि होमगार्ड्स बेहतर कार्य करते हैं। उनकी सेवाएं पुलिस कर्मियों के मामले में किसी भी रूप में कम नहीं होती हैं। इसलिए एसीएस होम की अध्यक्षता में सरकार एक कमेटी बनाएगी, जिसमें डीजी होम सहित अन्य लोग होंगे। ये कमेटी पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में होमगार्ड डिपार्टमेंट का अध्ययन करेगी। जिस राज्य में सबसे अच्छी व्यवस्था होगी, उसी व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने का प्रयास सरकार करेगी।
सीएम गहलोत ने होमगार्ड्स को दी बड़ी सौगात
वहीं अपने संबोधन के दौरान सीएम गहलोत ने होमगार्ड्स के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि होमगार्ड की सर्विस अवधि अब 15 साल की होगी। अब होमगार्ड्स सैनिकों को हर 5 साल में अपना कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अब 15 साल में होमगार्ड का नवीनीकरण होगा। इससे करीब 30 साल की सर्विस में होमगार्ड्स को एकाध बार भी नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। वहीं अलवर के बहुचर्चित रकबर मॉब लिंचिंग मामले को लेकर गहलोत ने कहा कि सभी 4 दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। सरकार इस मामले पर दिए गए पूरे फैसले का रिव्यू करेगी और उस पर कानूनी सलाह लेने के बाद फैसला किया जाएगा कि आगे क्या फैसला लेना है।
अजमेर में आएंगे तो उम्मीद है कि पीएम को याद आएगा अपना वादा- मुख्यमंत्री
इसके साथ ही पीएम मोदी के अजमेर दौरे को लेकर भी उन्होंने तंज कसा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अजमेर में उसी जगह सभा करने जा रहे हैं जहां उन्होंने 2018 में प्रदेश की जनता से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था। गहलोत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि जब प्रधानमंत्री यहां आएंगे तो उन्हें अपना पिछला वादा याद आएगा और इस बार वे ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेंगे क्योंकि ये 13 जिलों की जनता से जुड़ा हुआ मामला है।
मध्यप्रदेश-राजस्थान विवाद हल निकालें पीएम- गहलोत
उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश ने जो इस मामले को लेकर आपत्ति जताना शुरू किया है, वो ऐसा लगता है कि उनसे जानबूझकर करवाया जा रहा है। क्योंकि 2005 में राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच जो समझौता हुआ था, उसके अनुसार मध्यप्रदेश तो बांध बना रहा है, लेकिन राजस्थान की जब बात आती है तो वो आपत्ति करता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई बात है भी, तो प्रधानमंत्री को दोनों राज्यों की सरकारों से बात करनी चाहिए और इसका हल निकालना चाहिए।