नगर निगम हेरिटेज में राजनीति अपने चरम स्तर पर पहुंच चुकी है .लगातार आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है .एक पक्ष दूसरे पक्ष पर आरोप लगा रहा है तो वही दूसरी ओर दूसरा पक्ष एक्शन ले रहा है .मुनेश गुर्जर को एक बार फिर से मेयर और पार्षद पद से सस्पेंड कर दिया है .वही अब मुनेश गुर्जर एक बार फिर से कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है .और मंगलवार को कोर्ट में सरकार के आदेश को चुनौती दे सकती है .
मुनेश गुर्जर जाएगी कोर्ट
गुर्जर को मेयर पद से निलंबित कर दिया गया है .वही इस अब बर्खास्त मेयर एक बार फिर से कोर्ट की राह पकड़ेगी.और संभावना जताई जा रही है कि वो मंगलवार को कोर्ट खुलने के साथ ही सरकार के निलंबन के आदोश को चुनौती देने की याचिका लगाएंगी.आपको बता दे शनिवार को ही पूर्व मेयर के बेटे ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मनोज मुदगल पर गंभीर आरोप लगाए थे.इसके बाद सरकार की ओर से एक्शन लिया गया
मुनेश गुर्जर के खिलाफ कैविएट लगाने की तैयारी
वही मामले में सरकार ने भी अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में कैविएट लगाने की तैयारी में जुट गई है .वही सरकार ने कार्यवाहक मेयर पर मंथन भी शुरु कर दिया है.अब देखा जा रहा है कि सरकार मुनेश गुर्जर पर कोई भी नरम रुख अपनाने की मंशा में नहीं है .आपको बता दे सरकार ने इस कार्यवाही के लिए कांग्रेस के नए भवन के शिलान्यास की तैयारियों से पहले ही बना लिया था.क्योंकि प्रताप सिंह खाचरियावास,रफीक खान ने मुनेश को मेयर पद से हटाने के लिए बात की थी
24 अगस्त को दोबारा संभाला था पदभार
हाईकोर्ट के आदेश के अगले दिन यानी 24 अगस्त को मुनेश गुर्जर ने दोबारा मेयर का कार्यभार संभाला था। उसके बाद वे लगातार एक्टिव रही और उन्होंने नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा के खिलाफ दोबारा मोर्चा खोलते हुए उनके ट्रांसफर को मुद्दा बनाया और सरकार से शिकायत की। मेयर ने शिकायत की थी कि ट्रांसफर होने के बाद बाद भी राजेन्द्र वर्मा यहां से जानबूझकर कुर्सी छोड़ना नहीं चाहते।